Nag Panchami 2025: हिंदू धर्म में नागपंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व ना केवल नाग देवता की आराधना का दिन है, बल्कि सुरक्षा, उन्नति और जीवन में शांति का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक नागों की पूजा और दूध अर्पण करने से साधक को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाने वाला यह पर्व, आज यानी 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई को रात 11:25 बजे से हो रही है और समापन 29 जुलाई को रात 12:47 बजे होगा।
नागपंचमी पर ऐसे करें पूजा
इस दिन श्रद्धा से नाग देवता की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा करते समय मंत्रों का उच्चारण करें और पूजा सामग्री अर्पित करें।
गोबर, गेरू या मिट्टी से घर के मुख्य दरवाजे पर सांप की आकृति बनाएं। मान्यता है कि इससे घर में धन और समृद्धि आती है।
नाग देव भगवान शिव के गले की शोभा हैं। इस दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
इस दिन चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को पूजा में शामिल करना विशेष फलदायी होता है।
नाग देव को दूध, फल, फूल और मिठाई श्रद्धा से अर्पण करने पर जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और भय समाप्त होता है।
नाग पंचमी का व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन से डर समाप्त होता है।
नागपंचमी पर ना करें ये काम
इस दिन हरी पत्तेदार सब्जियां (साग) नहीं बनानी चाहिए, खासकर काटकर। ऐसा करना अशुभ माना गया है।
खासकर लोहे की कड़ाही या तवा आग पर न चढ़ाएं, यह वर्जित माना जाता है।
नाग पंचमी पर जमीन खोदना वर्जित है, क्योंकि इससे सांपों के बिलों को हानि पहुँच सकती है।
नुकीली चीजों जैसे सुई, कील आदि का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से नाग देवता विशेष रूप से शेषनाग रुष्ट हो सकते हैं।
शिवलिंग या नाग देवता पर तांबे के पात्र से दूध अर्पित करने से बचना चाहिए, इसे अशुभ माना गया है।