Devshayani Ekadashi 2025: सनातन धर्म के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा जाते है। वहीं इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को है। तो इसको लेकर आपके मन में भी ये सवाल होगा की क्या सच में भगवान विष्णु सोते है। और वो सोने के लिए कहा जाते हैं। तो आज हम आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं।
इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते
ज्योतिषीय कारण यह है कि इस समय सूर्य दक्षिणायन होने लगता है, इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस चार महीनों में वर्षा ऋतु होने की वजह से पहले के समय में एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना मुश्किल होता था। वहीं, मौसम जन्य बीमारियों के फैलने की वजह से लोग इस दौरान सात्विक खाना-पीना करते थे। इसी वजह से इस दौरान मांगलिक कार्यों को बंद कर दिया जाता था। वहीं, धार्मिक कारण पौराणिक कथा राजा बलि से जुड़े एक वचन के कारण मानी जाती है।
भगवान विष्णु इस समय योग निद्रा में रहते हैं
भगवान विष्णु इस समय योग निद्रा में रहते हैं, जो एक प्रकार की गहरी समाधि है, न कि साधारण नींद। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है, ‘या निशा सर्वभूतानाम् तस्यां जागर्ति संयमी’। इसका अर्थ यह है कि जब सबके लिए रात्रि होती है, योगी तब भी जागता रहता है। यानी रात में शारीरिक रूप से योगी सोता है, लेकिन सोते हुए भी वह चैतन्य के तल पर जागता रहता है।