कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार ने इस वर्ष संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने का फैसला किया है। सरकार ने ऐलान किया है कि कोविड-19 के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ हाल ही में कांग्रेस की ओर से किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सत्र की मांग की गई थी।
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर बताया है कि सभी दलों के नेताओं से चर्चा के बाद आम राय बनी थी कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सत्र नहीं बुलाया जाना चाहिए। दरअसल, जोशी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की एक चिट्ठी का जवाब दिया है. जिसमें अधीर रंजन चौधरी की तरफ से एक सत्र के लिए मांग की गई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर हो रहे किसान विरोध प्रदर्शनों को लेकर विवादास्पद नए कृषि कानूनों पर चर्चा करने की मांग की गई थी. जोशी ने जवाब दिया कि उन्होंने सभी दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया था और सर्वसम्मति से कोविड-19 के कारण सत्र न बुलाए जाने पर सभी सहमत हुए थे।
बता दें कि देश में कई किसान संगठन केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इन कानूनों के विरोध प्रदर्शन को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 20 दिनों से डेरा डाले हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ न तो केंद्र सरकार पीछे हटने को राजी है और न ही किसान पीछे हट रहे हैं।