मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से "संजीवनी परियोजना" शुरुआत की। इस परियोजना में कोरोना वायरस के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके ही घर पर की जाएगी। अब उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा।
इसके साथ ही सीएम ने ब्लैक फंगस के मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्हेांने कहा कि हरियाणा सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है। जिससे बच्चों को इस तरह की दिक्कत न हो। इसके साथ ही हरियाणा सरकार बच्चों को लेकर पहले से ही तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल पर ध्यान दिया जाएगा। क्योंकि इन क्षेत्रों में वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है। वहीं,सरकार का कहना है 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है।
सीएम ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, एंबुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र प्रदान करेगी। इस परियोजना के तहत कोविड हॉटलाइन का संचालन होगा। इसके साथ ही जो संदिग्ध या क्लीनिक में इलाज किए गए कोरोना वायरस के रोगियों को बुनियादी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कॉल सेंटर की क्षमताओं को बढ़ाएगी।
इसके साथ ही सीएम ने अपनी तैयारी में मेडिकल इंटर्न के अलावा 200 मेडिकल फाइनल ईयर और प्री-फाइनल ईयर के छात्रों को जुटाकर उन्हें सलाहकारों और विशेषज्ञों से जोड़ कर चिकित्सा सलाह के दायरे का विस्तार करेगी। कोरोना वायरस के हल्के से मध्यम मरीजों को उपचार और निगरानी प्रदान करने के लिए टेलीमेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाएगी। होम केयर किट का वितरण किया जाएगा, जिसमें एक मास्क, एक ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर और बुनियादी दवाएं शामिल हैं।