नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इन्हें नव दुर्गा में प्रथम दुर्गा माना गया है। आपको बता दे कि मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के घर में ये पुत्री रूप में जन्मी थीं। इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मां के इस रूप में दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प है। आइए जानते है पहले दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
देवी शैलपुत्री पूजन विधि
- मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें।
- माता के मंत्रों का जप करें। घी से दीपक जलाएं।
- मां की आरती करें शंखनाद करें।
- घंटी बजाएं।
- मां को प्रसाद अर्पित करें।
पहले दिन का भोग
नवरात्रि के पहले दिन मां के चरण कमलों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करें। इससे मातारानी आपको निरोगी काया प्रदान करती हैं।
मां शैलपुत्री का मंत्र
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् ।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥