देहरादून (Dehradun) और मसूरी (Mussoorie) के बीच बनने वाले रोपवे से अब टर्मिनल की ऊंचाई का अड़ंगा पूरी तरह से खत्म हो गया है। निर्माण के बायलॉज में राहत देते हुए कैबिनेट बैठक में टर्मिनल को निर्धारित ऊंचाई तक निर्माण की इजाजत दे दी गई है।
दरअसल, देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोप-वे को लेकर सरकार के स्तर से सभी अनुमति मिल चुकी है। ऊंचाई और रोप-वे की लंबाई के कारण इसमें ऊंचे-ऊंचे टर्मिनल का निर्माण किया जाना हैं। लेकिन बायलॉज के हिसाब से टर्मिनल का निर्माण इतनी ऊंचाई पर नहीं हो सकता है।
इसके चलते रोप-वे के निर्माण में काफी रुकावट आ रही थी। इस पर कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू (Dr. SS Sandhu) ने बताया कि बैठक में बायलॉज में शिथिलीकरण को मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद अब रोप-वे के लिए निर्धारित ऊंचाई वाले टर्मिनल का निर्माण हो सकेगा।
सिर्फ 15 मिनट में पूरा होगा दून से मसूरी तक का सफर
बता दें कि देहरादून से मसूरी के लिए बनने जा रहा रोपवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे होगा। इस रोपवे की लंबाई करीब 5.5 किमी होगी। जो हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई से सिर्फ सौ मीटर ही कम है। इस रोपवे के बनने से दून से मसूरी तक का सफर मात्र 15-18 मिनट में पूरा हो सकेगा। इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ ही सुरक्षित पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को काफी सुविधाजनक यातायात का साधन भी सुलभ होगा।