यूक्रेन (Ukraine) और रूस के बीच युद्ध बुधवार यानी 14वें दिन भी जारी है। ऐसे में भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए आपरेशन गंगा (Operation Ganga) चला रही है। आपरेशन गंगा के तहत अब तक हजारों भारतीय छात्रों को स्वदेश लाया जा चुका है। इसमें खास बात यह है कि इस आपरेशन के जरिए भारत सरकार ने अपने पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और नेपाल (Nepal) के अलावा अन्य कई देशों के नागरिकों को भी यूक्रेन से निकाला है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में आपरेशन गंगा के तहत भारत सरकार ने बांग्लादेश के 9 नागरिकों को यूक्रेन से रेस्क्यू किया गया है। इस पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina) ने पीएम मोदी (PM Modi) का धन्यवाद किया है। सरकारी सूत्रों की मानें तो बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने ट्वीट कर पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है।
पाकिस्तानी छात्रा को भी किया गया रेस्क्यू
बता दें कि इससे पहले, आपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसी एक पाकिस्तानी छात्रा आसमा शफीक को भी रेस्क्यू किया गया है। आसमा शफीक ने भारत सरकार (Indian Govt) और पीएम मोदी की तारीफ की है। आसमा जल्द ही अपने परिवार से मुलाकात कर सकेंगी। इस पर आसमा बोली, 'मैं कीव में भारतीय दूतावास को धन्यवाद करना चाहती हूं। भारतीय दूतावास ने कठिन समय में भी हमारा सपोर्ट किया है। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहती हूं। उम्मीद है कि मैं भारतीय दूतावास की वजह से सुरक्षित घर पहुंच जाऊंगी।'
अब तक 18 हजार भारतीयों को लाया गया स्वदेश
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अब तक यूक्रेन से करीब 18 हजार भारतीय नागरिकों को स्पेशल फ्लाइट की मदद से भारत लाया जा चुका है। मंगलवार को दो विशेष विमानों के जरिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 410 भारतीय नागरिकों को लाया गया है।
दुनियाभर से जंग में उतरे 16 हजार स्वयंसेवक
यूक्रेन में रूस ने हर तरफ तबाही मचा रखी है। ऐसे में दुनिया के कई देश यूक्रेन के सपोर्ट में उतरे हैं। इतना ही नहीं यूक्रेनी दूतावासों में दुनिया भर से करीब 16 हजार लोगों ने स्वयंसेवक के तौर पर रूस के खिलाफ लड़ने के लिए अपना आदेवन दर्ज किए हैं। आवेदन करने वालों में भारतीय नौ सेना के दो पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं।
बता दें कि तमिलनाडु में कोयंबटूर का रहने वाला एक 21 वर्षीय छात्र सैनिकेशन रविचंद्रन जो यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गया था। उसने भी इस युद्ध में यूक्रेन की ओर से लड़ने का फैसला किया है। वह यूक्रेन की जॉजियाई नेशनल लीजन में भी शामिल हो गया है। बता दें कि इस लीजन का कार्य यूक्रेन के लिए अर्द्धसैनिक बल के तौर पर रूस के खिलाफ युद्ध लड़ना है।