बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 17 जिलों की 94 सीटों पर मंगलवार को वोटिंग समाप्त हो गई है। ऐसे में आज हुए मतदान में महागठबंधन के 'चेहरा' और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव सहित कई युवा नेताओं के सियासी भविष्य दांव पर लगा था। वही, इस चरण में नीतीश मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के राजनीतिक भविष्य को भी मतदाता तय करेंगे।
कुल 1463 प्रत्याशियों की किस्मत का आज हुआ फैसला
चुनाव आयोग के मुताबिक, इस चरण में 1,463 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा, इनमें से 1316 पुरूष, 146 महिला और एक थर्ड जेंडर शामिल है। वही, दूसरे चरण में दो करोड़ 85 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जानें किस पार्टी के कितने उमीदवार मैदान में
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में राजद के 56 तो जदयू के 43 उम्मीदवारों के अलावे भाजपा के 46, कांग्रेस के 24, सीपीआई के चार, सीपीएम के चार, लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 52 तथा रालोसपा के 36 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे।
जानिए किस जिले से कौन सा कैंडिडेट मुख्य चेहरों को दे रहा है टक्कर
राजद के नेता तेजस्वी यादव बिहार मंत्रिमंडल के सदस्य रह चुके हैं तथा महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। चुनाव जीतने को लेकर तेजस्वी खूब पसीना बहा रहे हैं। तेजस्वी एकबार फिर राघोपुर से चुनावी मैदान में हैं। इधर, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र और तेजस्वी के भाई तेजप्रताप यादव का भी सियासी सफर दांव पर है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप इस चुनाव में महुआ विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर समस्तीपुर के हसनपुर से चुनावी मैदान में हैं।
हसनपुर में जीत दर्ज करने को लेकर तेजप्रताप कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके अलावे इस चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उसमें पटना के बांकीपुर सीट भी शामिल है, जहां से कांग्रेस ने पटना साहिब के सांसद रहे और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा को चुनावी मैदान में उतारा है। लव सिन्हा इस चुनाव से राजनीतिक सफर की शुरूआत कर रहे हैं।
इसके अलावा इस चरण में मतदाता प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी के भी राजनीतिक सफर को तय करने वाले हैं। चौधरी बांकीपुर से चुनावी मैदान में हैं। बांकीपुर से ही भाजपा ने एकबार फिर नितिन नवीन को चुनावी अखाड़े में उतारा है। इस चरण के चुनाव में पटना साहिब से पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, मधुबन से सहकारिता मंत्री रंधीर सिंह, नालंदा से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का भी राजनीतिक भविष्य दांव पर है।