UP News : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां और सीनियर एडवोकेट के बीच हुई बातचीत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में जेल बदलने और सुरक्षा को लेकर बढ़ते तनाव के बीच आजम खां ने बेटे के प्रति अपने भावनात्मक डर और चिंता का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जेल ट्रांसफर के दौरान उन्हें एनकाउंटर का डर सताता रहा और इस डर ने उन्हें अपने परिवार, खासकर बेटे के प्रति भावुक बना दिया। आजम ने अपने बेटे से कहा था, “अगर जीवन रहा तो मिलेंगे, नहीं तो…”, इस वाक्य ने उनके मन की गहराई और जेल में बिताए समय के तनाव को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि जेल बदलने की प्रक्रिया और सुरक्षा इंतजामों की कमी ने उनके मन में हमेशा एक चिंता पैदा की थी।
दोनों को अलग-अलग गाड़ी में बैठाया गया - आजम
राजनीति और कानून के माहौल में जेल में बंद रहना कोई आसान काम नहीं है। राजनीतिक नेता होने के नाते आजम खां पर अलग-अलग आरोप और केस दर्ज हैं। इसके चलते उनका यह डर कि कहीं उनका एनकाउंटर हो सकता है, पूरी तरह निराधार भी नहीं था। वर्ष 2017 में उन पर अचानक दर्ज किए गए मुकदमों के बारे में कपिल सिब्बल के सवाल पर सपा नेता आजम ने कहा कि पहले की सरकारों में सदन के अंदर आलोचना के बाद बाहर पक्ष-विपक्ष के नेता आत्मीयता से मिलते थे। अब बदला लेने की राजनीति हावी हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछली बार पत्नी और बेटे समेत हम तीनों को सीतापुर जेल भेजा था। दूसरी बार रात तीन बजे हमें सोते से उठाया गया। मेरे लिए अलग गाड़ी और अब्दुल्ला को दूसरी गाड़ी में बैठाया गया।
सकुशल शिफ्ट होने के बाद राहत की सांस ली
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल से कैमरे के सामने छात्र राजनीति से लेकर जेल यात्रा तक विस्तृत बातचीत की। उन्होंने सिब्बल के सामने अपना दर्द बयां करते हुए उस वक्त को भी याद किया जब रामपुर जेल से उनको सीतापुर जेल भेजा गया था। उनका कहना था कि उस वक्त जब परिवार के सदस्य अलग-अलग हुए तब उनको एनकाउंटर का डर था। जब वह और उनके बेटे अब्दुल्ला दूसरी जेल में सकुशल शिफ्ट हो गए तब जाकर राहत की सांस ली।
जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे, नहीं तो...
मैंने जेल में सुन रखा था कि एनकाउंटर हो रहे हैं, ऐसे में जो पिता होगा वह अपनी औलाद को लेकर पीड़ा समझ जाएगा। उन्होंने कहा कि उस वक्त हम दोनों गले लगकर जुदा हुए, मैंने कहा बेटे जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे, नहीं तो ऊपर मिलेंगे। मुझे लगता नहीं था कि हम मिल पाएंगे। आगे की राजनीति पर उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा जब तक सरकार आए तब तक मेरे ऊपर से मुकदमों का दाग हट जाए। मैं मुजरिम के रूप में हाउस में न जाऊं।