भारतीय क्रिकेट टीम के पहले विदेशी कोच रह चुके न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर जॉन राइट अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने भारत के कोच के तौर पर पांच साल के कार्यकाल में टीम को कई उपलब्धियां दिलवाईं। जिसमें 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट और इंग्लैंड में हुई नेटवेस्ट ट्रॉफी शामिल हैं। वहीं सौरव गांगुली की कप्तानी के दौरान 2000 में राइट भारतीय टीम के कोच बने थे।
वहीं उस वक्त कप्तान सौरव गांगुली और कोच जॉन राइट के बीच अच्छे तालुकात थे जो टीम के ड्रेसिंग रुम में तो झलकते थे साथ ही स्कोरबोर्ड भी चमकता था। साथ ही लेखक विजडन एंथोलॉजी ने अपनी किताब में भी इसका जिक्र किया था। उन्होंने 'क्रिकेट एज ऑफ रेवोल्यूशन' नाम की किताब में कप्तान सौरव गांगुली और कोच जॉन राइट के बारे में लिखा था कि ये दोनों जिस नई और मजबूत भारतीय टीम को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध थे दरअसल वह कागज पर लिखे विचार से ज्यादा ही बनती जा रही थी।
हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब कप्तान गांगुली और कोच राइट के बीच विवाद शुरु हुआ। और इस विवाद का कारण रहे भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग। दरअसल बीसीसीआई के मौजूदा उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला जो उस समय टीम के मैनेजर पद थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि तत्कालीन कोच जॉन राइट सहवाग से उनकी बल्लेबाजी को लेकर काफी नाराज थे क्योंकि वह लगातार असफल हो रहे थे। जिसे लेकर राइट को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने सहवाग को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बारे में जब सौरव गांगुली को पता चला तो वह बुरी तरह भड़क गए। जिसके बाद गांगुली ने इस जिद पर अड़ गए कि राइट को सहवाग से मांफी मांगनी होगी। वहीं जब राजीव शुक्ला ने सहवाग को थप्पड़ मारने की बात उठाई तो जॉन ने उनसे कहा कि उन्होंने बतौर टीचर सहवाग पर गुस्सा उतारा है। जॉन ने अपनी 'सफाई' में कहा, 'मैंने केवल धक्का दिया है, थप्पड़ नहीं मारा है, वह बार-बार एक ही गलती दोहरा रहा था मुझे उसकी गलती बर्दाश्त नहीं हो रही थी।'
राजीव आगे बताते हैं कि उसी वक्त सचिन तेंदुलकर मुझे किनारे ले गए और कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए राइट से माफी नहीं मंगवानी है क्योंकि अगर कोच ही माफी मांगेगा तो आगे क्या होगा? जिसके बाद मैं सचिन की सलाह को मान गया और मैंने सहवाग को समझाया। हालांकि सहवाग भी समझ गए और उन्होंने कहा कि राइट को माफी मांगने की जरुरत नहीं है। किसी तरह से ड्रेसिंग रूम का माहौल शांत हुआ। वहीं साल 2005 में जॉन राइट का बतौर भारतीय कोच का कार्यकाल खत्म हो गया। जिसके बाद वह दिसंबर 2010 में राइट राष्ट्रीय टीम के कोच बने। उनकी कोचिंग में कीवी टीम ने 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया। हालांकि, 2012 में उन्हें न्यूजीलैंड टीम के कोच पद को छोड़ना पड़ा। गौरतलब है कि राइट ने अपने क्रिकेट करियर में 12 शतक और 23 अर्धशतक की बदौलत 82 टेस्ट मैचों में 37.82 के औसत से 5334 रन बनाए।