Chinese Kali Mandir in Kolkata: भारत अपनी अलग-अलग तरह की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। देश के कई मंदिरों में पूजा के तरीके और परंपराएं आम मंदिरों से बिल्कुल अलग हैं। इसका एक उदाहरण पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का मशहूर काली मंदिर है। यह मंदिर टैंगरा इलाके में है, जिसे वहां चाइनाटाउन भी कहा जाता है। भक्त रेगुलर तौर पर मां काली के दर्शन करने और मंदिर की अनोखी परंपराओं में हिस्सा लेने आते हैं।
प्रसाद में नूडल्स और फ्राइड राइस होते हैं, लड्डू या फल नहीं
इस मंदिर की सबसे खास और अनोखी बात यह है कि मां काली को पारंपरिक लड्डू या फल के बजाय नूडल्स और दूसरी चीनी डिश का भोग लगाया जाता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन इसका एक दिलचस्प बैकग्राउंड है। चीनी सिविल वॉर के दौरान, कई चीनी शरणार्थी टैंगरा में बस गए। वे अपनी पारंपरिक पूजा और भोग लगाने के तरीकों को यहां लाए, और उन्हें वहां के लोगों के बीच पॉपुलर बनाया। धीरे-धीरे यह परंपरा इतनी पक्की हो गई कि आज भी मां काली को नूडल्स, फ्राइड राइस, मोमोज और चॉप्सुई चढ़ाना इस मंदिर का मुख्य हिस्सा बन गया है।
भक्त क्या कहते हैं?
भक्तों का मानना है कि माँ काली प्यार की भूखी हैं और उन्हें जो भी प्यार से चढ़ाया जाता है, वह उसे स्वीकार कर लेती हैं। इसीलिए मंदिर में हमेशा इंडो-चाइनीज़ खाना परोसा जाता है। यह रिवाज न सिर्फ़ मंदिर की धार्मिक आस्था को दिखाता है, बल्कि लोकल कल्चर और चीनी शरणार्थियों के असर को भी दिखाता है। आज, यह अनोखी परंपरा कोलकाता के काली मंदिर की पहचान बन गई है, और भक्त इसे महसूस करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।