Airfare Cap: इंडिगो फ्लाइट संकट और उसके कारण हवाई किराए में बढ़ोतरी के बाद, सरकार ने सख्त कार्रवाई की है और घरेलू उड़ानों पर किराए की सीमा तय कर दी है। आसान शब्दों में कहें तो, सरकार ने घरेलू रूट पर हवाई किराए की अधिकतम सीमा तय कर दी है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने लगातार पांचवें दिन सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दीं, जिसका मुख्य कारण क्रू की कमी थी। हालांकि, बार-बार यह भरोसा दिलाया जा रहा है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।
किफायती हवाई किराए सुनिश्चित करना
स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि उसने सभी प्रभावित रूट पर उचित और किफायती किराए सुनिश्चित करने के लिए अपनी रेगुलेटरी शक्तियों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये सीमाएं तब तक लागू रहेंगी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। बयान में आगे कहा गया, "सभी एयरलाइंस को आधिकारिक निर्देश जारी किए गए हैं कि उन्हें अब निर्धारित किराए की सीमाओं का सख्ती से पालन करना होगा।"
अधिकतम किराया कितना होगा?
- सरकार ने हवाई किराए की सीमा 7,500 रुपये से 18,000 रुपये तक तय की है।
- 500 किमी तक की यात्रा के लिए अधिकतम किराया 7,500 रुपये।
- 500-1,000 किमी के बीच की उड़ानों के लिए अधिकतम किराया 12,000 रुपये।
- 1,000-1,500 किमी के बीच की उड़ानों के लिए अधिकतम किराया 15,000 रुपये।
- 1,500 किमी से अधिक की यात्रा के लिए अधिकतम किराया 18,000 रुपये।
दिल्ली से मुंबई का हवाई किराया कितना होगा?
चूंकि दिल्ली से मुंबई की उड़ान 1,300 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तय करती है, इसलिए इकोनॉमी क्लास का किराया 15,000 रुपये तक सीमित किया जा सकता है।
हवाई किराए की सीमाएं कब तक लागू रहेंगी?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, अधिकतम हवाई किराए की सीमाएं तब तक लागू रहेंगी जब तक उड़ान संचालन सामान्य नहीं हो जाता। इसमें यूजर डेवलपमेंट फीस (UDF), पैसेंजर सर्विस फीस (PSF), और हवाई टिकटों पर लगने वाले टैक्स शामिल नहीं हैं।