1 International Labour Day-1 मई के दिन सन् 1886 में अमेरिका के शिकागो में मजदूर आंदोलन की शुरुआत हुई। अमेरिका के मजदूर और कामगार सड़क पर उतर आए और अपने हक के लिए आवाज उठाने लगे क्योंकि उस समय मजदूरों से 15-15 घंटे काम लिया जाता था।
2 मजदूर आंदोलन में पुलिस ने गोलीबारी कर दी जिससे कई मजदूरों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। इस घटना के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन हुआ. इसी में फैसला लिया गया कि हर मजदूर एक दिन में केवल 8 घंटे ही काम लिया जाएगा।
3 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में आठ घंटे के अलावा मजदूरों के लिए 1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाया जाएगा और 1 मई को छुट्टी देने का फैसला भी लिया गया।
4 मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से भी इस दिन को मनाते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में मजबूत हो सके।
5 इस बार अंतर्राष्ट्रीय लेबर डे 2023 की थीम है, सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति का निर्माण के लिए मिलकर कार्य करें(Act together to build a positive safety and health culture)।
6 भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1923 को चेन्नई में हुई थी। ये फैसला लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाने की घोषणा की गई। कई संगठन और सोशल पार्टी ने इस फैसले का समर्थन किया।