1 भारत में ऐसे कई शिव मंदिर हैं जिनका इतिहास काफी पुराना है और उनके साथ कोई ना कोई पौराणिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई है। आज हम आपको एक ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पत्थरों को थपथपाने पर डमरू जैसी आवाज आती है।
2 इसे एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर कहा जाता है। ये भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के सोलन शहर से तकरीबन सात किमी दूर है। इस मंदिर का नाम जटोली शिव मंदिर है। महाशिवरात्रि के दिन यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते है।
3 जटोली मंदिर की संरचना- मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। भगवान शिव के मंदिर में प्रवेश करने के लिए भक्तों को 100 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। जटोली शिव मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली से बनाया गया है।
4 वहीं मंदिर के अंदर स्फटिक मणि का शिवलिंग है। साथ ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी की मूर्ति भी स्थापित है। इसके साथ ही मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा विशाल सोने का कलश रखा है।
5 ऐसा कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने इस मंदिर में कुछ समय के लिए निवास किया था। जिसके बाद साल 1950 में स्वामी कृष्णा परमहंस ने यहां तपस्या की। उनके ही मार्गदर्शन पर इस मंदिर की नींव साल 1974 में रखी गई और संत परमहंस ने 1983 में इसी मंदिर के परिसर में समाधि ली थी। इस मंदिर के निर्माण में पूरे 39 साल लगे थे।