126 सितंबर 2022 यानी आज से शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2022 Date) की शुरुआत हो रही है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ सिद्ध स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। तो आइए जानते हैं सभी देवियों का महत्व और उन को प्रसन्न करने का मंत्र।
21. माँ शैलपुत्री ( ह्रीं शिवायै नम: )- वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
32. माँ ब्रह्मचारिणी ( ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: )- दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
43. माँ चंद्रघंटा- ( ऐं श्रीं शक्तयै नम: )- पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
54. माँ कुष्मांडा- ( ऐं ह्री देव्यै नम: )- सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
65. माँ स्कंदमाता- ( ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम: )- सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
76. माँ कात्यायनी- ( क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम: )- चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना । कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि ।।
87. माँ कालरात्रि- ( क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम: )- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
98. माँ महागौरी ( श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: )- श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
109. माँ सिद्धिदात्री ( ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: )- सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।