उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Govt ) ने चिह्नित प्रदेश के आंदोलनकारियों (State Agitators)की पेंशन बढ़ा दी है। सरकार ने दो श्रेणियों में करीब एक हजार रुपये हर महीने और 1400 रुपये की बढ़ोतरी की है। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने बीती नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस (State Foundation Day) के मौके पर राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने का ऐलान किया था। इस क्रम में शुक्रवार को गृह विभाग (Home Ministry) ने आदेश जारी कर आंदोलनकारियों की पेंशन में इजाफा कर दिया है।
अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल (Riddhim Aggarwal) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आंदोलन के दौरान सात दिन जेल में बिताने वाले आंदोलनकारियों को अब पांच हजार रुपये की जगह हर महीने छह हजार रुपये दिए जाएंगे, जबकि जेल जाने वाले या घायल होने वालों के अलावा अन्य चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को 3100 रुपये प्रतिमाह के बजाय 4500 रुपये हर महीने दिए जाएंगे। राज्य में प्रथम श्रेणी में चिह्नित आंदोलनकारियों की संख्या करीब तीन सौ के आस-पास है, जबकि दूसरी श्रेणी में करीब छह हजार लोगों ऐसे हैं जिनको पेंशन मिलती है।
लंबित घोषणाओं पर अंदोलनकारी खफा
वहीं, पेंशन में वृद्धि का जीओ जारी होने पर खुशी जताते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती (Pradeep Kukreti) बोले-'अन्य घोषणाएं पूरी न होने से सभी आंदोलनकारी नाराज है। उन्होंने बताया, कि सीएम ने 31 दिसंबर तक चिह्नीकरण की प्रक्रिया पूरी करने समेत दो और घोषणाएं और भी की थीं, जिनका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है।