सोनीपत पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन हैंडलर को गिरफ्तार किया है। इनको जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिली जानकारी के बाद जीटी रोड पर नाका लगाकर मुरथल टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया। वह फर्जी पासपोर्ट बनवा कर विदेश भागने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। तीनों आतंकी पंजाब के रहने वाले हैं और पाकिस्तान में आतंकी आकाओं के संपर्क में थे और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को फंडिंग करते थे। एसपी राहुल शर्मा को जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी सूचना मिली थी कि आतंकियों को फंडिंग करने और पैसे की हैंडलिंग करने वाले आरोपित सोनीपत के आसपास हैं।
उन्होंने तीनों के फोटो भी भेजे थे। एसपी ने इनकी गिरफ्तारी की कमान सीआईए को सौंपी। सीआइए की टीम ने शनिवार शाम को जीटी रोड पर मुरथल टोल प्लाजा पर नाका लगाकर आतंकी हैंडलर की कार को घेर लिया। कार में एक महिला और दो युवक सवार थे। उनकी पहचान पंजाब के तरनतारन के रहने वाले रवि, उसकी पत्नी वरिंदर दीप कौर और उसके साथी चंडीगढ़ के रहने वाले कणव अरोड़ा के रूप में हुई। इनके पास से फतेहाबाद से तैयार कराए गए फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए। इसकी सूचना जम्मू-कश्मीर पुलिस के दिल्ली मुख्यालय को दी गई। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी संदीप भट्ट और जम्मू सीआइडी के एसपी अपनी टीम के साथ सोनीपत पहुंचे। तीनों आरोपितों को रविवार को न्यायालय में पेश किया गया।
वहां से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर तीनों को जम्मू ले जाया गया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 16 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी मोहम्मद परवेज और उमर फारुख पकड़े गए थे। इनके पास से दो बैग से 15 और 28 लाख रुपये बरामद किए गए थे। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आशिक नैनग्रो के लिए काम करते हैं। उसको यह रुपये अमृतसर में 15 नवंबर को किसी अनजान हैंडलर ने दिए थे। पुलिस जांच में अनजान हैंडलर की पहचान रवि और उसकी पत्नी वरिंदर दीप कौर के रूप में हुई थी।