हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने कई घोषणाएं कर हर वर्ग को छूने का प्रयास किया। चुनावी साल में सोलन के ठोडो मैदान से प्रदेश के लिए कई सौगात की बौछार कर सीएम जयराम ने राजनीतिक संतुलन साधा। खास तौर पर उन्होंने पुलिस कांस्टेबल की मांग को मानकर उनके आंदोलन को खत्म करने की सफल कोशिश की है। इस दौरान सीएम का फोकस सिर्फ गरीब, बुजुर्ग, बेसहारा और बीमार लोगों पर रहा। एक तरफ उन्होंने बिजली की दरों में स्लैब के आधार पर कटौती की घोषणा की तो वहीं दुसरी तरफ सामाजिक पेंशन में आय सीमा 50 हजार करके इसका दायरा भी बढ़ा दिया। हालांकि, इन सभी घोषणाओं से सरकार के राजकीय कोष पर हजारों करोड़ का बोझ बढ़ेगा।
लेकिन इसे चुनावी वर्ष होने के चलते राजनीतिक लाभ की मंशा से भी देखा जा रहा है। सीएम ने अपने भाषण में चार साल के कार्यकाल में गरीब, बुजुर्ग, महिलाओं और बीमार लोगों के लिए सहारा, हिमकेयर व वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया। इस सबके बीच राज्य के एक लाख 75 हजार पेंशनधारकों को पंजाब वेतन आयोग की तर्ज पर लाभ की घोषणा को भी सीएम के मास्टर स्ट्रोक की तौर पर देखा जा रहा है। चूंकि प्रदेश के लगभग हरेक घर में कोई न कोई पेंशन भोगी जरूर होता हैं। बता दें कि इस घोषणा को पूरा करने के लिए सरकार पर 200 करोड़ का बोझ पड़ेगा।