हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्र में एकरूपता और समरसता लाने के लिए जरूरी है। मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि वह यूसीसी से सहमत हैं। देश में एकरूपता और समरसता लाने के लिए ऐसा होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) का आयोजन किया जाता है तथा उम्मीदवार को यह अवसर दिया जाता है कि वह अपनी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पदों का विकल्प चुन सकता है।
'साढ़े आठ वर्ष के कार्यकाल में 1.10 लाख पदों पर की जा चुकी हैं भर्तियां'
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से 2014 तक के लगभग 10 साल के कांग्रेस कार्यकाल में 88 हजार के करीब नौकरियां दी गई थी, जबकि उनकी सरकार के साढ़े आठ वर्ष के कार्यकाल में लगभग 1.10 लाख पदों पर भर्तियां की जा चुकी हैं और लगभग 60 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है।
इन पदों में ग्रुप सी के 32 हजार, गुप डी के 15 हजार तथा इसके अलावा, पुलिस और अध्यापकों के पदों पर अलग से भर्ती की जानी है। इस प्रकार, हमारी सरकार कुल 1.70 लाख हजार पदों पर भर्तियां पूरी कर लेगी जोकि कांग्रेस कार्यकाल से दुगुनी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता तो आपस में ही उलझ रहे हैं। उन्होंने कहा, "हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े-लिखे को फ़ारसी क्या।"
वहीं, अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने बारे पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इस संबंध में पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है।
इसके अलावा पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के कॉलेजों के संबद्धता को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल से उनकी बात हुई थी। उन्होंने कहा कि अभी वह बाहर हैं और उनके आने के बाद ही उनसे पुन: बातचीत होगी।