गोरे रंग को सौंदर्य का आदर्शतम गुण माना जाता है, लेकिन सोचिए उस वक्त क्या होगा, जब वही गौर वर्ण मानव जाति के विनाश का कारण बन जाए? क्या होगा अगर चंद्रमा किसी दिन ठीक पृथ्वी के करीब आ जाए? ऐसी कई कल्पनाएं इंसानी दिमाग में करवट ले सकती हैं, लेकिन क्या यह सब वाकई संभव है! हालीवुड में इन कल्पनाओं पर अनगिनत फिल्में बनी हैं। लेकिन, 'इंडिपेंडेंस डे', 'द डे आफ्टर टुमारो', '1000 बीसी' जैसी फिल्मों के कामयाब डायरेक्टर रोलैंड एमेरिच अपनी अगली साइंस-फिक्शन या यूं कहें कि साइंस-डिजास्टर फिल्म ‘मूनफॉल' में कुछ अलग तरह की कल्पनाओं को दिखाने जा रहे हैं। ‘मूनफॉल' 11 फरवरी को रिलीज होगी।
यह फिल्म एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री और नासा में काम करने वाले साइंटिस्ट (हाले बेरी) पर केंद्रित है। उसे अपने अंतरिक्ष यात्री साथी (जॉन ब्रैडली) के साथ मिलकर पृथ्वी को भारी आपदा से बचाना है। यह पृथ्वी के लिए आखिरी मौका है, क्योंकि चंद्रमा का ग्रह के साथ घातक टक्कर होने ही वाली है और वह अपने रास्ते में है। हाले बेरी को कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही। सर्वनाश निकट है। पूरी फिल्म इसी के इर्द-गिर्द है। फिल्म में काफी रोमांच है।
पीवीआर पिक्चर्स और एमवीपी एंटरटेनमेंट की संयुक्त फिल्म 'मूनफॉल' रोलांड एमेरिच द्वारा निर्देशित है, जिसमें हाले बेरी, पैट्रिक विल्सन, जॉन ब्रैडली, चार्ली प्लमर, माइकल पेना और डोनाल्ड सदरलैंड जैसे कलाकार शामिल हैं।