Wedding Rituals: शादी हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है। खास तौर पर औरतें अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं। दूल्हा सबसे पहले दुल्हन की मांग में अंगूठी का इस्तेमाल करके सिंदूर लगाता है। माना जाता है कि इससे पति की उम्र लंबी होती है और सिंदूर शादीशुदा औरतों की निशानी है।
सिंदूर लगाने का रिवाज पुराने समय से चला आ रहा है। देवी सीता भी सिंदूर लगाती थीं। हिंदू शादियों में सिंदूरदान सबसे ज़रूरी रस्मों में से एक है। दूल्हा दुल्हन की मांग में तीन बार सिंदूर लगाता है।लेकिन ऐसा क्यों है? इसके पीछे क्या धार्मिक वजह है? आइए जानते हैं।
सिंदूर लगाने के पीछे क्या धार्मिक वजह है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शादी के दौरान तीन बार सिंदूर लगाने का कारण यह है कि जब दुल्हन पहली बार अपनी मांग में सिंदूर लगाती है, तो इसे देवी लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। इससे शादीशुदा ज़िंदगी में खुशियां और खुशहाली आती है।
दूसरी बार सिंदूर लगाने का संबंध देवी सरस्वती से है। इससे यह पक्का होगा कि उनके जीवन में ज्ञान और बुद्धि की कभी कमी नहीं होगी, और उनकी वाणी भी अच्छी रहेगी। जब तीसरी बार सिंदूर लगाया जाता है, तो इसे देवी पार्वती से जोड़ा जाता है।
यह शादीशुदा जोड़े को बुरी ताकतों से बचाता है और उन्हें ताकत देता है, जिससे यह पक्का होता है कि उनके जीवन में कोई मुश्किल न आए।
दुल्हन को शादी में इस्तेमाल किया गया सिंदूर ही पूरे साल लगाना चाहिए
जब दूल्हा शादी के दौरान दुल्हन के माथे पर सिंदूर लगाता है, तो यह ज़रूरी है कि वह उसकी नाक पर गिरे, क्योंकि इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। शादी के समय दुल्हन के माथे पर लगाया गया वही सिंदूर पूरे साल लगाना चाहिए। इससे दूल्हा और दुल्हन के बीच प्यार गहरा और बढ़ता है।