कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के मोगा से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में रविवार को "खेती बचाओ यात्रा" की शुरुआत की गई। यात्रा में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पार्टी के प्रदेश प्रमुख सुनील जाखड़, महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरीश रावत और नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए। यात्रा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के बीच इन कानूनों को लाने की क्या जरुरत थी?
उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के समय इन 3 कानूनों को लागू करने की क्या जरूरत थी? कानून लागू करने थे तो लोकसभा, राज्यसभा में बातचीत करते। प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, अगर किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं तो लोकसभा, राज्यसभा में खुलकर बात क्यों नहीं की।'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कहा, 'अगर किसान इन कानूनों से खुश हैं तो वे देश भर में विरोध क्यों कर रहे हैं? पंजाब में हर किसान विरोध क्यों कर रहा है? मैं आपको गारंटी देता हूं कि जिस दिन कांग्रेस पार्टी सत्ता में आएगी, हम इन तीन काले कानूनों को खत्म कर देंगे और उन्हें बेकार कागज की तरह टोकरी में फेंक देंगे।' राहुल गांधी ने आगे कहा कि पंजाब का किसान, हरियाणा का किसान, पूरे हिन्दुस्तान का किसान एक इंच पीछे नहीं हटेगा। हम नरेंद्र मोदी की सरकार, इन कानूनों के खिलाफ लड़ेंगे और इन लोगों को हरा के दिखाएंगे।
वहीं, यात्रा में हाथरस कांड का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, मैं यूपी में था जहां एक बेटी की मौत हो गई थी। उसकी हत्या करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस परिवार की बेटी की मौत हुई, उनके घर में ताला लगा हुआ है। डीएम और सीएम ने उन्हें धमकी दी। भारत में ऐसी स्थिति है जहां अपराधी के लिए कुछ नहीं होता है लेकिन पीड़ित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।