RBI MPC Meeting: लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय रिर्जव बैंक ने बड़ा ऐलान किया है, इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखी है। बता दें कि बीते 3 अप्रैल से मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हुई थी, जिसके नतीजे आ गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के नतीजों का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बताया कि इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
वहीं अब UPI Payment की सुविधा को और विस्तार देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ा ऐलान किया है उन्होंने कहा कि अब UPI यूजर्स जल्द ही कैश डिपॉजिट मशीन पर यूपीआई के जरिए अपने बैंक अकाउंट में पैसे जमा कर सकेंगे।
जानिए क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह होता है जिसपर RBI बैंकों को कर्ज देता है। एक वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक छह बार मॉनेटरी पॉलिसी को पेश करता है। इसमें वह अपनी जरूरत के हिसाब से बदलाव करता रहता है। RBI कई बातों को ध्यान में रखकर फैसला लेता है। रेपो रेट के घटने या बढ़ने का सीधा असर बैंकों के लोन के इंटरेस्ट रेट पर पड़ता है। आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने पर बैंक अपने होम, पर्सनल, ऑटो आदि सभी तरह के लोन पर इंट्रस्ट रेट बढ़ा देते हैं। ऐसे ही रेपो रेट कम होने पर बैंक कर्ज पर ब्याज दरों को घटा देते हैं।