Purnima 2025 : दिसंबर 2025 में पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 यानि गुरुवार को है। शुभ मुहूर्त सुबह 08:37 बजे से लेकर अगले दिन (5 दिसंबर) सुबह 04:43 बजे तक माना गया है। पूर्णिमा चंद्रमा की उस अवस्था को कहते हैं जब वह अपने पूरे आकार में आकर पूर्ण रूप से प्रकाशित होता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत महत्व है। इसे दिन भर के लिए शुभ माना जाता है और विशेष रूप से व्रत, पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आदर्श दिन होता है।
पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन पानी में स्नान करने और भगवान को दान देने से पापों से मुक्ति मिलती है। पूर्णिमा का दिन पवित्र माना जाता है क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपने पूरे प्रकाश में होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धर्मकर्म और पूजा का फल अनेकों गुना बढ़ जाता है। कई धार्मिक पर्व और व्रत भी पूर्णिमा के दिन ही होते हैं, जैसे कार्तिक पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा आदि।
पूजा विधि और उपाय
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर गंगा, यमुना या किसी स्वच्छ जल स्रोत में स्नान करना शुभ माना जाता है। यदि नदी या जल स्रोत संभव न हो तो घर में साफ पानी से स्नान करें। स्नान के बाद सफ़ाई और शुद्धि के लिए हल्का दीपक जलाना भी लाभदायक है। इसके बाद पूजा के लिए चंदन, फूल, दीपक, अगरबत्ती, मिठाई और फल रखें। भगवान विष्णु या किसी अन्य प्रिय देवता की प्रतिमा या तस्वीर सामने रखें। चंद्रमा को विशेष रूप से ध्यान में रखकर उनका ध्यान और मंत्र जाप करना चाहिए। इस दिन दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। वस्त्र, अनाज, खादी, और पैसे का दान करने से पुण्य बढ़ता है। कई लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और दिनभर फलाहार या विशेष भोजन करते हैं। व्रत के दौरान मानसिक शांति और साधना पर ध्यान दें।
आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ
पूर्णिमा का दिन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक दृष्टि से भी लाभकारी है। यह दिन मानसिक शांति, ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए उपयुक्त होता है। इस दिन परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने, दान करने और सत्संग में भाग लेने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।