Bullet Baba temple in Rajasthan: क्या आपने कभी सुना है कि किसी मोटरसाइकिल को भगवान की तरह पूजा जाता है? राजस्थान के जोधपुर के पास श्री ओम बन्ना मंदिर, जिसे बुलेट बाबा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा ही अनोखा मंदिर है जहाँ रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है। यह मंदिर जोधपुर-पाली राजमार्ग पर NH 62 पर स्थित है। जोधपुर से इस मंदिर तक पहुँचने में लगभग एक घंटा लगता है।
बुलेट बाबा मंदिर की कहानी
राजस्थान के जोधपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर का नाम ठाकुर जोग सिंह राठौर के पुत्र ओम बन्ना के नाम पर रखा गया है। 2 दिसंबर, 1988 को रात 10 बजे, ओम बन्ना अपनी रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल (350cc) पर सवार होकर जा रहे थे, उनके साथ उनका एक दोस्त भी था जो पीछे बैठा था। रास्ते में, बाइक का संतुलन बिगड़ गया और वह एक पेड़ से टकरा गई, जिससे ओम बन्ना की मौके पर ही मौत हो गई।
बाइक का चमत्कार
अगली सुबह, पुलिस ने जाँच की और बुलेट को अपने थाने ले गई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि रात में बाइक अपने आप ही दुर्घटनास्थल पर वापस आ गई। पुलिस बाइक को वापस थाने ले गई और उसे लॉक कर दिया, लेकिन वह फिर उसी जगह पर आ गई।
मंदिर का निर्माण
ओम बन्ना के पिता और गाँव वालों ने दुर्घटनास्थल पर एक मंदिर बनवाया, जहाँ बुलेट बाइक एक काँच के डिब्बे में रखी है। पास में ही ओम बन्ना की एक तस्वीर भी रखी है और एक चबूतरा भी बनाया गया है। लोग अब इसे बुलेट बाबा मंदिर कहते हैं।
लोग बुलेट बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं
मंदिर के पास एक पेड़ पर लाल धागे, चूड़ियाँ, फूल और अगरबत्ती बाँधी जाती हैं। बाइक को एक काँच के डिब्बे में रखकर मालाओं से सजाया जाता है। पास में ही ओम बन्ना की एक बड़ी तस्वीर भी रखी गई है। लोगों का मानना है कि ओम बन्ना की आत्मा आज भी वहाँ मौजूद है और यात्रियों की रक्षा करती है। दर्शनार्थी अपने साथ घटित कई चमत्कारी घटनाओं की भी जानकारी देते हैं।
मनौतियाँ पूरी होती हैं
यात्री अपनी यात्रा की सुरक्षा के लिए बुलेट बाबा का आशीर्वाद लेते हैं। कुछ लोग अपनी बाइक का हॉर्न बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। भक्तगण बुलेट बाबा को शराब और सिगरेट चढ़ाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।