Aniruddhacharya controversy women remarks: महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के कारण विवादों में घिरे धार्मिक उपदेशक स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश के मथुरा में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) उत्सव राज गौर की कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर याचिका को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है और रजिस्टर कर लिया है। अब कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, और उपदेशक को कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा।
क्या था विवादित बयान?
यह पूरा मामला अक्टूबर में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो से जुड़ा है। वीडियो में स्वामी अनिरुद्धाचार्य बेटियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिखे थे। उन्होंने कहा था, "आजकल बेटियां 25 साल की उम्र में शादी करती हैं, और तब तक उनके कई पुरुषों के साथ संबंध बन चुके होते हैं।"
इस बयान से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। विभिन्न संगठनों और आम जनता ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे महिलाओं की गरिमा पर सीधा हमला बताया।
स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने सफाई दी
विवाद बढ़ने के बाद स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने सफाई दी कि वह महिलाओं का सम्मान करते हैं और उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। हालांकि, इससे महिला संगठनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ, और वाराणसी में भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
मीरा राठौर ने याचिका दायर की
इस वायरल टिप्पणी के विरोध में, अखिल भारतीय हिंदू महासभा, आगरा की जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने CJM कोर्ट में एक याचिका दायर की। उन्होंने इसे महिलाओं की गरिमा का गंभीर उल्लंघन बताया और उपदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सुनवाई के बाद, कोर्ट ने आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कर ली, जिससे मामला कानूनी दायरे में आ गया।
अगली सुनवाई 1 जनवरी को
CJM कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 1 जनवरी की तारीख तय की है। इस दिन याचिकाकर्ता मीरा राठौर का बयान दर्ज किया जाएगा। इसके बाद ही आगे की कानूनी कार्यवाही का रास्ता साफ होगा।
मीरा राठौर के वकील मनीष गुप्ता ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम और महिलाओं की गरिमा के लिए एक बड़ी सफलता बताया। शिकायत दर्ज होने के बाद, स्वामी अनिरुद्धाचार्य की चुनौतियां बढ़ गई हैं, क्योंकि अब उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा और आरोपों का जवाब देना होगा। अगर उनका बयान अपमानजनक और आपत्तिजनक साबित होता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।