डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती आज यानी 14 अप्रैल को मनाई जाती है। इस दिन को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। बाबा साहेब की जयंती के मौके पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। भारतीय संविधान के रचयिता, समाज सुधारक और महान नेता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती दुनिया भर में धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते ऐसा करना मुमकिन नहीं है।
बाबा साहेब के नाम से मशहूर भारत रत्न अंबेडकर जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करते रहे। यही वजह है कि अंबेडकर जयंती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंबेडकर जयंती के मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे है उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातों के बारे में। तो आइए जानते है...
- डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 में मराठी परिवार में महू, मध्यप्रदेश के एक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और मां का नाम भीमाबाई था।
- डॅा. भीमराव अंबेडकर का चयन 1913 में अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए हो गया था। यहां से उन्होंने राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी।
- वही, डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1916 में एक शोध के लिए पीएचडी से सम्मानित किया गया था।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1936 में स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की थी।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी रहे।
- इसके अलावा भारत के संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर का अहम योगदान रहा।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर को 29 अगस्त 1947 को संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
- आपको बता दें कि अंबेडकर ने 1952 के चुनावो में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा का चुनाव लड़ा, परंतु इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर को मार्च 1952 में राज्य सभा के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया।
- वही, डॉ. भीमराव अंबेडकर को 9 भाषाओं का ज्ञान था- हिन्दी, पाली,संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन, गुजराती।
- आपको बता दें कि भीमराव अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुई।