Jio Patents: भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन Controller General of Patents, Designs & Trade Marks की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में जियो प्लेटफॉर्म्स को भारत का सबसे बड़ा वैश्विक पेटेंट फाइलर बताया गया है।
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, जियो प्लेटफॉर्म्स ने एक वर्ष में 1,037 अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दाखिल किए हैं। यह संख्या रैंकिंग में दूसरे से दसवें स्थान तक मौजूद सभी भारतीय कंपनियों और संस्थानों द्वारा दाखिल पेटेंट्स के कुल जोड़ से दोगुनी से भी अधिक है। TVS मोटर (238), CSIR (70), IIT मद्रास (44) और ओला इलेक्ट्रिक (31) जैसे नाम इस दौड़ में काफी पीछे नजर आते हैं।
5G-6G से लेकर AI तक, डीप-टेक इंडिया’ की बुनियाद हो रही मजबूत
भारतीय पेटेंट्स को जोड़ लें तो जियो द्वारा 2024-25 में कुल 1,654 पेटेंट आवेदन किए गए। 31 मार्च 2025 तक कंपनी के पास 485 स्वीकृत पेटेंट थे, जिनमें बड़ा हिस्सा 5G, 6G और नेटवर्क टेक्नोलॉजी से जुड़ा है। इन आंकड़ों से साफ है कि जियो अब केवल एक टेलीकॉम ऑपरेटर नहीं, बल्कि भारत की अग्रणी डीप-टेक कंपनियों में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा चुका है।
सरकारी आंकड़ों के साथ-साथ इंडस्ट्री ने भी जियो को एक मजबूत ग्लोबल IP प्लेयर के तौर पर मान्यता दी है। हाल ही में CII इंडस्ट्रियल इनोवेशन अवॉर्ड्स 2025 में जियो प्लेटफॉर्म्स को भारत की टॉप-20 इनोवेटिव कंपनियों में शामिल किया गया, वहीं Large ICT कैटेगरी में उसे ‘बेस्ट पेटेंट पोर्टफोलियो’ का रनर-अप अवॉर्ड भी मिला।
R&D में लगातार बढ़ता निवेश
पेटेंट फाइलिंग के पीछे मजबूत R&D निवेश भी एक अहम कारण है। FY25 में रिलायंस ने 4,185 करोड़ रुपये से अधिक R&D पर खर्च किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। बीते तीन वर्षों में कंपनी का वार्षिक R&D निवेश 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ चुका है।