Dussehra 2025: 2 अक्तूबर 2025 को देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ दशहरा मनाया जा रहा है। यह पर्व हिंदू पंचांग के आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर अधर्म और अहंकार पर सत्य की जीत हासिल की थी। इस दिन को बुराइयों पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए इस तिथि पर पूजा-अर्चना, हवन और दान जैसे पुण्य काम करने पर सभी प्रकार की नकारात्मकता, भय और बाधाओं से साधक दूर होता है। वहीं दशहरा के शुभ अवसर पर जहां रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है, वहीं घरों में शस्त्र पूजन करने की भी विशेष परंपरा है। ऐसे में आइए इस दिन के शुभ मुहूर्त और महत्व को विस्तार से जानते हैं।
ये शस्त्र पूजन विधि
दशहरा पर शस्त्र पूजन के लिए सबसे पहले अपने सभी अस्त्र-शस्त्रों को पूजा स्थान पर एकत्रित कर लें।
अब एक साफ चौकी लेकर उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
अब सभी शस्त्रों को साफ करें और उसे चौकी पर रख दें।
इसके बाद शस्त्रों पर गंगाजल का छिड़काव करें और प्रभु के मंत्रों का स्मरण करें।
अब शस्त्रों पर कलावा बांधें और उन पर तिलक लगाकर भगवान राम के नाम का जाप करें।
अब उनपर ताजे फूलों की माला अर्पित करें।
अब शुद्ध देसी घी से दीप जला लें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
ये है रावण दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों के मुताबिक रावण के पुतले का दहन सूर्यास्त के बाद किया जाता है। इस वर्ष दशहरा पर सूर्यास्त शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा। ऐसे में इसके तुरंत बाद रावण दहन कर सकते हैं।
नोट - जनता टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।