उत्तराखंड (Uttarakhand) के पाबौ (Pabau) से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक गांव में लोगों ने पिंजरे में कैद गुलदार (Caged Guldar) को जिंदा जला दिया। यहां कुछ दिन पहले ही गुलदार के हमले में महिला की मौत हो गई थी, जिस वजह से लोगों में गुलदार के प्रति काफी गुस्सा था। वन विभाग ने इस घटना को अमानवीय व वीभत्स बताया है। प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल ने इस घटना पर कहा कि आरोपी ग्रामीणों की पहचान हो गई है।
दरअसल, वन विभाग को मंगलवार को विकासखंड पाबौ के सपलोड़ी गांव में एक गुलदार के पिंजरे में कैद होने की सूचना मिली थी। लेकिन वन विभाग की टीम के गांव में पहुंचने से पहले ही कुछ ग्रामीणों ने गुलदार को पिंजरे में ही आग लगा दी। बता दें कि 15 मई की शाम ग्राम पंचायत सपलोड़ी की सुषमा देवी अपनी सहेली के साथ हरियालीसैण के जंगल में काफल लेने के लिए गई थी। लौटते वक्त शाम साढ़े छह बजे के आसपास गुलदार ने सुषमा पर हमला कर दिया, जिसमें सुषमा की मौत हो गई।
इस घटना के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के साथ-साथ एक पिंजरा भी लगाया था। गढ़वाल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मुकेश कुमार ने इस मामले में बताया कि गुलदार की उम्र करीब सात साल थी। उन्होंने बताया कि गुलदार को आग लगाने वाले कुछ ग्रामीणों की पहचान हो चुकी है।
गुलदार ने महिला को किया था घायल
सोमवार देर शाम पाबौ ब्लॉक के कुलमोरी गांव की 35 वर्षीय देवेश्वरी देवी पत्नी प्रदीप नेगी आंगन में बर्तन धो रही थी। इसी दौरान गुलदार ने उन पर अचानक से हमला कर दिया। ग्रामीणों व परिजनों के शोर मचाया और गुलदार भाग गया। ग्रामीण घायल देवेश्वरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ इलाज के लिए ले गए। जहां से उन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। घटना के बाद से ही ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कुलमोरी भी सपलोड़ी के पास का ही एक गांव है।