पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि "प्रधानमंत्री संग्रहालय देश के लिए गर्व का विषय है, जिसका हाल ही में उद्घाटन किया गया है। पहले इसका नाम नेहरू म्यूजियम था, जो अब प्रधानमंत्री संग्रहालय में बदल गया है। यह देश के आम नागरिकों के लिए खुल दिया गया है। यह गर्व कि बात है कि हम अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद कर रहे हैं। यह देश के युवाओं को जोड़ने का काम कर रहा है।'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'म्यूजियम में लोग बहुत सी चीजें डोनेट कर रहे हैं और भारत की सांस्कृतिक विरासत में योगदान दे रहे हैं। कोरोना काल में संग्रहालयों को डिजिटाइज करने का काम तेजी के साथ बढ़ा है। आने वाली छुट्टियों में आप सभी को अपने दोस्तों के साथ इन संग्रहालयों को देखने के लिए जाना चाहिए।' बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी महीने संग्रहालय का उद्घाटन किया था। यही नहीं इस दौरान उन्होंने इसका पहला टिकट भी खरीद था। इस संग्रहालय को लेकर पीएमओ ने कहा था कि यह देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मरण का एक स्थान है। पीएमओ ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार आजादी से अब तक बने सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को इसमें बखूबी दर्शाया गया है। खास बात यह है कि विचारधारा से अलग हटकर इसमें प्रधानमंत्रियों के योगदान की बात कही गई है।
पीएम मोदी ने दिया जल संरक्षण और डिजिटल पेमेंट का संदेश
इस दौरान पीएम मोदी ने जल संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि 'दुनिया में किसी भी रचना के लिए पानी मूलभूत जरुरत है। यह सबसे अहम प्राकृतिक संसाधन है। वाल्मीकि रामायण में भी जल संचय की बात कही गई है। हड़प्पा सभ्यता के काल में भी जल संरक्षण के लिए काफी अडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।' इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से कैशलेस पेमेंट के विकल्पों को अपनाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि 'लोगों को 'कैशलेस डे आउट' जैसी कोशिश करनी चाहिए। आज गांवों और छोटे कस्बों तक में लोग यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह ग्राहकों और दुकानदारों दोनों के लिए ही बेहतर विकल्प है। ऑनलाइन पेमेंट्स ने डिजिटल इकॉनमी को तैयार किया है। हर दिन देश में करीब 20,000 करोड़ रुपये के ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस हो रहे हैं।'