प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर (BR Ambedkar) की जयंती के अवसर पर आज तीन मूर्ति भवन (Teen Murti Bhavan) परिसर में नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय (PM Sangrahalaya) का उद्घाटन किया। आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में देश भर में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के दौरान इस संग्रहालय का उद्घाटन किया गया है। यह संग्रहालय आजादी के बाद देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान के जरिए लिखी गई भारत की अनोखी गाथा का वर्णन करता है। प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर में बनाया गया है।
संग्रहालय में देख सकेंगे 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों की जीवनशैली
इस संग्रहालय में देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की एक झलक के साथ-साथ राष्ट्रनिर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पर कहा है कि पीएम संग्रहालय के माध्यम से हम सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि दी जा रही है।
क्या है प्रधानमंत्री संग्राहलय बनाने का मकसद?
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पर कहा है कि प्रधानमंत्री संग्रहालय का मकसद नई पीढ़ी को पहले के प्रधानमंत्रियों की जीवनशैली और उनके कामों से परिचय कराना है। इसकी मदद से प्रधानमंत्रियों के उन कार्यों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी, जिन्होंने देश के विकास में अहम भूमिका निभाई है।
ऐसा दिखता है संग्रहालय
इस संग्रहालय में करीब 43 गैलरी हैं। इसमें नएपन और प्रचीनता का ख्याल भी बखूबी रखा गया है। इसे तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नए ब्लॉक के साथ जोड़ा गया है। दोनों ब्लॉक को मिलाकर कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है।
यह संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक की गाथा को बारिकी से दर्शाता है। संग्रहालय में यह भी दिखाया गया है कि कैसे अलग-अलग प्रधानमंत्रियों ने कठिन चुनौतियों के बावजूद देश को एक नई राह दी और देश की प्रगति में अपनी अहम भूमिका निभाई।