Entertainment Story : अपने काम से थक जाने या बोर हो जाने के बाद लोग मनोरजंन के लिए थियेटर में फिल्म देखने जाते हैं। लेकिन फिल्म देखने के बाद लोग स्टोरी से कुछ ज्यादा ही भावुक हो जाते हैं। इसके बाद वह स्टोरी हमेशा के लिए दिल व दिमाग फिट हो जाता है। बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी हैं जिनमें दिल छू जाने वाली लव स्टोरी देखने को मिली। वहीं इनमें से कुछ ऐसी भी हैं जिन्हें देखकर ऑडियंस रोने लगीं। इनमें से कुछ फिल्में तो ऐसी हैं जो सालों बाद भी ऑडियंस की फेवरेट बनी हुई हैं।
फिल्म देखते ही छलक पड़ेंगे आंखों से आंसू
आज हम एक ऐसी ही रोमांटिक फिल्म की बात करने जा रहे हैं जिसे रिलीज हुए 23 साल हो गए हैं। आज भी इस फिल्म का उतना ही क्रेज ऑडियंस में देखने को मिल रहा है। हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान की ‘देवदास’ फिल्म की। संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में हार्टब्रेक देख आपकी भी आंखों से आंसू छलक पड़ेंगे।
1900 के दशक पर बना फिल्म का प्लॉट
आइए फिल्म की कहानी के बारे में डिटेल में जानते हैं। फिल्म का प्लॉट 1900 के दशक पर बना है। कहानी की शुरुआत कौशल्या मुखर्जी से शुरू होती है जो अपने बेटे देवदास के लंदन से लौटने पर खुश होती है। देवदास की अपनी पड़ोसी सुमित्रा की बेटी पारो से दोस्ती का बेहद गहरा रिश्ता होता है, जो वापस आने पर प्यार में बदल जाता है। लेकिन बड़े घराने के होने के कारण देवदास की मां कौशल्या सुमित्रा की बेटी पारो का रिश्ता ठुकरा देती है। इसके साथ ही भरी सभा में सुमित्रा को अपमानित भी करती है। गुस्से में आकर सुमित्रा अपनी बेटी पारो का रिश्ता एक अमीर विधुर भुवन चौधरी से कर देती है। इसके बाद देवदास को पछताना पड़ता है।