मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और राजस्थान एग्जिट पोल अब सामने आ गए हैं जनता TV-INH- हरिभूमि, C Voter के एग्जिट पोल के अनुसार मध्यप्रदेश की 230 सीटों में से 113-137 सीटों पर कांग्रेस पार्टी बढ़त के साथ सरकार बनाते हुए दिखाई दे रही है।
वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते हुए नजर आ रहे हैं, जनता TV-INH- हरिभूमि, C Voter के एग्जिट पोल के अनुसार प्रदेश की कुल 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 41-53 सीटों पर विजयी हो सकती है,वहीं बीजेपी भी एग्जिट पोल में कुछ ज्यादा पीछे दिखाई नहीं दे रही है। बीजेपी 36-48 सीटें प्राप्त कर सकती हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ में दोनों पार्टियों के बीच कड़ी कांटे की टक्कर भी देखने को मिल सकती है।
हालांकि राजस्थान में इस बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। जनता TV-INH- हरिभूमि, C Voter के एग्जिट पोल के अनुसार राजस्थान की कुल 199 विधानसभा सीटों में से 94-114 सीटों के साथ बीजेपी इस बार राजस्थान में बाजी मार सकती है और राजस्थान की सत्ता पर कमान संभाल सकती है। इसके अलावा कांग्रेस को कुल 71 से 91 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
बता दें कि यह विधानसभा चुनाव इस बार इसलिए भी खास हो जाते हैं क्योंकि चुनाव ठीक लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले हुए हैं। इन विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनावों से पहले सेमीफाइनल की तरह भी देखा जा रहा था। बताते चलें 2018 में हुए मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिली थी, किन्तु पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने सपा और बसपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी जो सिंधिया के भाजपा (BJP) में चले जाने और इसके बाद कुछ विधायकों द्वारा भाजपा का दामन पकड़ने के बाद यह सरकार कुल 15 माह तक ही सत्ता बनी रही थी। जिसके बाद शिवाराज सिंह ने प्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
साथ ही राजस्थान में 1993 के बाद से हर 5 वर्ष बाद सत्ता परिवर्तन का रिवाज चला आ रहा है। राजस्थान (Rajsthan) के मतदाता प्रत्येक 5 साल में सरकार बदल के नई सरकार को सत्ता सौंपते है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राजस्थान के मतदाताओं को अपनी सरकार में शुरू हुई जन-कल्यांणकारी (Wellware) योजनाओं के दम पर इस बार के विधानसभा (Assembly) चुनाव में दमखम दिखाया। तो वहीं वसुंधरा राजे अबतक कुल 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं साथ ही 2 बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इस बार भाजपा भी अपने पूर्ण जोर से चुनाव लड़ी है। कुल 7 सांसद भी अपनी लोकसभा सीटें छोड़कर इस बार के विधानसभा चुनावों में उतरे थे।