विमानन नियामक डीजीसीए (Aviation Regulatory DGCA) ने इंडिगो एयरलाइन (Indigo Airlines) पर एक दिव्यांग बच्चे को सवार होने से इनकार करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। यह मामला इसी 7 मई को रांची हवाई अड्डे (Ranchi Airport) का है। वहीं, इंडिगो ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, दिव्यांग बच्चे को रांची-हैदराबाद उड़ान में सात मई को सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह काफी घबराया हुआ दिखाई दे रहा था। चूंकि बच्चे को विमान में सवार होने से पहले ही रोक दिया गया था, इसलिए उसके साथ मौजूद उसके माता-पिता ने भी विमान में सवार होने से इनकार कर दिया था।
3 सदस्यीय टीम का किया गया था गठन: आपको बता दें कि नौ मई को डीजीसीए ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। डीजीसीए ने इस पर कहा था कि, ‘‘सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार बेहद गलत था और इससे स्थिति काफी बिगड़ गई थी।’’ इसमें कहा गया कि बच्चे के साथ कर्मचारियों को करुणा का व्यवहार करना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत करना चाहिए था।
डीजीसीए के बयान के अनुसार, विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की जरूरत होती है, लेकिन एयरलाइन (Airline) के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे। ऐसे में विमान नियमों के प्रावधानों मुताबिक एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है।
एयर इंडिया कर्मचारियों को ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस
बता दें कि हाल ही में लंबे समय से आर्थिक समस्याओं से जूझ रही एयरलाइन एयर इंडिया (Airlines Air India) अब टाटा ग्रुप (Tata Group) के पास है। टाटा ग्रुप ने अधिग्रहण के बाद से ही एयर इंडिया कर्मचारियों के पक्ष में कई फैसले लिए हैं। पहले कंपनी ने सैलरी में कटौती पर रोक लगाई। अब टाटा ग्रुप ने भी अपना वादा पूरा कर दिया है। अब से एयर इंडिया के हर कर्मचारी और उसके परिवार को ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस (Group Medical Insurance) की सुविधा दी जाएगी।
एयर इंडिया की ओर से यह सुविधा आज यानी 15 मई 2022 से ही लागू कर दी गई है। इतना ही नहीं एयर इंडिया ने यह भी पूरी तरह से साफ कर दिया है कि ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस की यह सुविधा सिर्फ देश में मौजूद परमानेंट, फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों और उनके आश्रितों को ही दी जाएगी।