सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से गुरुवार को सहारा समूह (Sahara Group) को एक बड़ा झटका मिला है। दरअसल, कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समूह से संबंधित कंपनियों की जांच पर अंतरिम राहत देने और जांच पर रोक लगाने के आदेश को रद्द कर दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के सहारा समूह से जुड़ी नौ कंपनियों की जांच पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली SFIO द्वारा दायर की गई याचिका को मंजूरी दे दी है।
बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ SFIO जांच पर रोक लगाने वाला आदेश ठीक नहीं था। आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने ये आदेश जारी कर मामले की पूरी जांच पर ही प्रतिबंध लगा दिया। इस तरह का आदेश केवल असाधारण मामलों में ही दिया जा सकता है। पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के बाद दो महीने के भीतर इस मामले को हाईकोर्ट में तेजी से निपटाया जाएगा। इस मामले में सहारा समूह की तरफ से कहा गया है कि SFIO इस तरह कंपनियों की जांच नहीं कर सकता है। नियमों के अनुसार एजेंसी को ऐसी कंपनियों की जांच की कोर्ट इजाजत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (D Y Chandrachud) और बेला एम त्रिवेदी (Bela M Trivedi) की पीठ ने SFIO की याचिका को मंजूरी दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 मई को इस मामले में सुनवाई करने का निर्णय किया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने शीर्ष अदालत को यह बताया था कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) के खिलाफ हाल ही में एक अन्य पीठ द्वारा लुकआउट सर्कुलर पर रोक लगाने के संबंध में याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ आशंका जताई गई थी। मेहता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश ठीक नहीं है। इस पर रोक तुरंत लगाई जानी चाहिए।