हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) के बजट सत्र (Budget Session) के दूसरे दिन सीटू से जुड़ी आंगनबाड़ी वर्कर (Anganwadi Workers) और हेल्पर यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान सड़क पर काफी लंबा जाम लग गया। तीन वाहन धरने के बीच में घंटों फंसे रहे। मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। यूनियन की अध्यक्ष नीलम जसवाल और महासचिव वीना शर्मा ने इस पर कहा कि आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में सौ फीसदी नियुक्ति, नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विवि की डिग्री को मान्य करना, वरिष्ठता के आधार पर मैट्रिक और स्नातक पास की सुपरवाइजर में भर्ती करने, सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने की मांग और तीस प्रतिशत बजट कटौती के खिलाफ सभी वर्कर्स सड़कों पर उतरी हैं।
उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया और आंगनबाड़ी वर्करों को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में आईसीडीएस निजीकरण का छिपा हुआ एक एजेंडा है। इससे भविष्य में कर्मियों को रोजगार से हाथ धोना पड़ सकता है।