कोरोना वायरस फिर सक्रिय होने लगा है। डेढ़ महीने के बाद पीजीआई में कोरोना के दो नए मरीज भर्ती हुए हैं। इन्हें वार्ड-24 में दाखिल किया गया है। एक जुलाई को डॉक्टर्स-डे पर पीजीआई के ट्रामा सेंटर से कोविड के अंतिम मरीज को छुट्टी दे दी गई थी। अब 22 अगस्त से फिर मरीज भर्ती होने शुरू हो गए हैं। इस बार कोविड के डेल्टा वेरिएंट का अंदेशा है, लेकिन अब तक पीजीआई को जीन स्क्वेंसर मशीन नहीं मिल पाई है। इसी मशीन के जरिए कोरोना के वेरिएंट की पहचान की जा सकती है। जिस तरह एक ही दिन में दो मरीज भर्ती हुए हैं, उसे देखकर अंदेशा है कि तीसरी लहर शुरू हो गई है। लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि सितंबर मध्य तक पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
22 दिनों में 32 मरीज
हालांकि कोविड पर ब्रेक लगी है, लेकिन चिंता करने वाली बात ये भी है कि अगस्त के 22 दिनों में 32 नए मरीज भी मिले हैं। फिलहाल रोहतक में एक्टिव मरीजों की संख्या 6 है। सभी को होम आइसोलेट किया गया है। अब तक जिले में कुल 25 हजार 886 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 566 की मौत हुई।
सतर्क रहने की जरूरत
कोरोना की गति कतई धीमी पड़ गई है। लेकिन इसके बावजूद आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है। बेपरवाही नुकसान दायक साबित हो सकती है। अभी तक कोविड-19 बीमारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण करने में वैक्सीन बेहद कारगर है। इसलिए हर व्यक्ति टीका लगपाए। वैक्सीन लगवाने के बाद अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो भी जाता हैं तो उसे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोविड-19 से बचने के लिए सभी फेस मास्क अवश्य पहनें। सभी 6 फुट की सामाजिक दूरी बनाएं रखें। अपने हाथों को बार-बार साबुन से अच्छी तरह धोएं।