साध्वी यौन शोषण मामले और डेरा के एक प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में सजा काट रहा राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता है। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष गुहार लगाई है कि वो परोल या फरलो के लिए आवेदन करना चाहता है। दरअसल हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य को निर्देश दिया था कि भविष्य में अदालत की अनुमति के बिना डेरा प्रमुख के पैरोल के आवेदन पर विचार न किया जाए।
राम रहीम ने हाईकोर्ट से लगाई ये गुहार
डेरा प्रमुख की ओर से दायर याचिक के अनुसार, उसके पास अभी भी 41 दिन की परोल-फरलो बची हुई है। उसने याचिका में कहा है कि वह इसका लाभ उठाना चाहता है। उसने दावा किया है कि वह इस साल 20 दिन की परोल और 21 दिन की फरलो सहित कुल 41 दिनों की अवधि के लिए रिहाई के लिए पात्र है। कोर्ट के आदेशों पर रोक हटाने की मांग करते हुए उसने दलील दी है कि उसे दी गई परोल उन दोषियों के समान है जो इसी तरह की स्थिति में हैं।
साथ ही यह उन्होंने यह भी कहा गया है कि नियम ऐसे किसी भी दोषी को पैरोल और फरलो देने पर रोक नहीं लगाते हैं, जिसे आजीवन कारावास और निश्चित अवधि की सजा वाले तीन या उससे अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया हो और कोर्ट ने सजा सुनाई हो। उन्होंने दलील देते हुए आगे कहा कि पैरोल या फरलो देना कानूनी रूप से एक उचित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद संबंधित संवैधानिक प्राविधान के अनुसार है। उसे किसी भी स्तर पर कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया गया है।