उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार (Haridwar) जिले में नवरात्रि (Navratri) पर कुट्टू का आटा (Kuttu Flour) खाने से लोगों के बीमार होने की खबर सामने आई है। नवरात्रि पर्व पर सबसे ज्यादा कुट्टू का आटा ही बिकता है। इसके खरीदारों की संख्या काफी अधिक होती है, लेकिन इस दौरान खाद्य सामग्री में मिलावट की खबरें भी लगातार सामने आती हैं।
ऐसा ही एक मामला हरिद्वार से सामने आया है, जहां नवरात्रि में कुट्टू का आटा खाने से लोगों को फूड प्वाइजनिंग हो गई है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से करीब 78 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका प्राथमिक इलाज शुरू कर दिया गया है। इस बार पिछले साल की तुलना में फूड प्वॉइजनिंग के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
वही श्यामपुर गांव (Shyampur Village) के पास भी परिचालक लोग फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए हैं। इस पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ चंदन मिश्रा का कहना है कि मरीजों को उपचार देना शुरू कर दिया है। कुछ की हालात ज्यादा खराब हो गई है। समय पर सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है। ताकि मरीजों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
बता दें कि नवरात्रि में ज्यादातर लोग व्रत रखते हैं। और इसमें वे फलाहार का सेवन करते हैं। जिसमें कुट्टू के आटे का सेवन भी किया जाता है। ऐसे में मिलावट खोर और भी सक्रिय हो जाते हैं। यही कारण है कि शनिवार को नवरात्र का पहला व्रत तोड़ने के बाद कई लोग ने कुट्टू का आटे खाया होगा, जिससे अकेले श्यामपुर क्षेत्र में ही करीब 21 लोग को फूड प्वाइजनिंग हो गई। आनन-फानन में परिजन उन्हें कांगड़ी के निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने छह लोगों की हालत को गंभीर देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहां उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। शनिवार देर रात से लेकर रविवार करीब 11 बजे तक फूड प्वाइजनिंग के मरीजों का अस्पताल में आने का सिलसिला लगातार जारी था।
वहीं मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. खगेंद्र ने बताया कि हरिद्वार के श्यामपुर सहित रोशनाबाद और ब्रह्मपुरी में भी कई लोग आटा खाने से फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए हैं। ऐसे में सभी दुकानदारों के कुट्टू के आटे के सैंपल एकत्र किये जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो भी ग्रामीण क्षेत्र में फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो, वह जिला अस्पताल आकर अपना समय पर उपचार करा सकते हैं। वहीं जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरएस पाल ने कहा कि सभी के सैंपल लिए जा रहे हैं, अगर रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।