Shanidev ki Puja vidhi : हफ्ते में सात दिन होते है हर दिन में किसी ना किसी भगवान का दिन तय है जैसे सोमवार को महादेव का मंगलवार बजरंगबली का ऐसे ही शनिवार के दिन भगवान शनि देव का दिन माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए निर्मल मन से पूजा करने के बारे में विस्तार से बताया गया है। शनि देव कर्म और न्याय के देवता है। मान्यताओं के अनुसार जो भक्त सच्चे मन से शनिदेव की पूजा करता है उन्हें अपने जीवन में कई शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। उनके जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। चलिए जानते है कि शनिदेव की पूजा किस प्रकार से की जानी चाहिए, उनकी पूजा करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए।
शनिदेव की पूजा करने की उत्तम विधि
- शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठें और नह-धोकर साफ कपड़े पहनें। उसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर मन ही मन शनिदेव का ध्यान करते हुए सात परिक्रमा लगाएं। परिक्रमा करते समय पेड़ को कलेवा जरुर बाधे।
- यदि आप शनिवार का व्रत करते हैं या फिर शनिवार का व्रत करना चाहते हैं तो उसके 1 दिन पहले से मांस मदिरा यहां तक कि जिन भोजन में प्याज, लहसुन, तंबाकू, मांस, शराब आदि का इस्तेमाल किया जाता है। उनका सेवन ना करें।
- जो व्यक्ति शनिवार का व्रत रखता है उसे मन, वचन और कर्म से पवित्र होना बहुत जरूरी है।
- यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन शनि देव की लोहे से निर्मित प्रतिमा की पूजा जरूर करें। शनिवार के दिन काला तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र आदि शनिदेव को जरूर अर्पित करें। ये सभी शनिदेव की प्रिय वस्तुएं मानी जाती है।
- इस दिन शनि देव की कथा सुनने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। शनिवार के दिन शाम के समय शनि देव की आरती करना बेहद जरूरी होता है।
- शनिवार के व्रत में आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं। जो व्यक्ति शनिवार के दिन व्रत रखता है उसे अगले दिन शनिदेव की पूजा के बाद ही व्रत खोलना चाहिए। व्रत खोलें बिना शनिवार का व्रत फलीभूत नहीं होता।