पंजाब रोडवेज(Punjab Roadways) पर कच्चे मुलाजिमों ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी(CM Charanjit Singh Channi) से बात करने के बाद हड़ताल वापस ले ली है। मुख्यमंत्री ने मुलाजिमों को फोन पर उनकी मांगों पर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया है। बता दें कि कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर चार घंटे के लिए बस स्टैंड बंद करने की चेतावनी दी थी।
दरअसल, कर्मचारियों की मांगें हैं कि पीआरटीसी, पनबस और पंजाब रोडवेज के कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर किए जाए, सरकारी बसों के बेड़ में दस हजार नई बसों को शामिल किए जाए और छोटे-छोटे मामलों में जिन कर्मचारियों को निकाल दिया गया है उनको वापस बहाल किया जाए।
इन मांगों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कर्मचारियों को आश्वासन दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री बदलने से एक बार फिर कर्मचारियों की मांगों पर पेंच फंस गया है, इसलिए उन्होंने बुधवार को चार घंटे के लिए के लिए सभी बस अड्डों को बंद करने की चेतावनी दी थी।
इस पर कर्मचारियों की प्रदेश के परिवहन मंत्री राजा वडिंग के साथ बैठक हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यूनियन के नेताओं को फोन पर बातचीत कर उन्हें आश्वासन दिया। जिसके बाद कर्मचारियों ने बस स्टैंड बंद करने का फैसला वापस ले लिया।
इस पर कानट्रेक्ट वर्कर यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल ने बताया कि पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी और पनबस की करीब दो हजार बसें कच्चे मुलाजिमों के भरोसे ही चल रही हैं। कई सालों से करीब आठ हजार कर्मचारी अपने पक्के किए जाने की मांग कर रहे हैं, इसके बाद भी अब तक उनकी मांगों पर सरकार ने कोई विचार नहीं किया है, यहीं कारण है कि उन्हें अपनी बात मनवाने के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ा।