संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने गावी वैक्सीन गठबंधन, अफ्रीका सीडीसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर संकटग्रस्त देशों के लिए एमपॉक्स वैक्सीन सुरक्षित करने के लिए एक आपातकालीन निविदा जारी की है।
इन संगठनों ने शनिवार (31 अगस्त) को एक संयुक्त बयान में कहा। उनके बयान के अनुसार, निर्माताओं की उत्पादन क्षमता के आधार पर 2025 तक 12 मिलियन खुराक तक के लिए समझौते किए जा सकते हैं। इस बयान में कहा गया है कि निविदा के तहत, यूनिसेफ वैक्सीन निर्माताओं के साथ सशर्त आपूर्ति समझौते स्थापित करेगा। इससे यूनिसेफ को वित्तपोषण, मांग, तत्परता और नियामक आवश्यकताओं की पुष्टि होने के बाद बिना देरी के वैक्सीन खरीदने और भेजने में मदद मिलेगी।
यूनिसेफ ने जारी किया इमरजेंसी टेंडर
बता दें कि, वैक्सीन एलायंस और पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के साथ-साथ गावी, अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और डब्ल्यूएचओ के साथ काम करना भी शामिल होगा।साथ ही उच्च आय वाले देशों में मौजूदा भंडार से वैक्सीन के दान की सुविधा प्रदान करेगा। इस बयान में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ 23 अगस्त को निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी की समीक्षा कर रहा है, और सितंबर के मध्य तक आपातकालीन उपयोग सूची के लिए समीक्षा पूरी करने की उम्मीद है। एजेंसी बवेरियन नॉर्डिक और जापान के केएम बायोलॉजिक्स द्वारा बनाए गए दो टीकों के लिए आपातकालीन लाइसेंस के आवेदनों की समीक्षा कर रही है।
WHO ने जारी किया इमरजेंसी
WHO ने अगस्त की शुरुआत में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में वायरल संक्रमण के प्रकोप के बाद एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था जो पड़ोसी देशों में फैल गया था। इस साल डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि अब तक कांगो में एमपॉक्स के 18,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं। जिनमें 629 मौतें हुई हैं, जबकि बुरुंडी में 150 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। स्वीडन और थाईलैंड ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और पड़ोसी देशों के बाहर वायरस के क्लेड आईबी प्रकार के मामलों की पुष्टि की है।