Uttarakhand: अगर आपके घर में कुत्ते या बिल्लियाँ हैं, तो आपको सतर्क रहने की ज़रूरत है। टिक फीवर पालतू जानवरों और बिल्लियों, दोनों को संक्रमित कर रहा है। हरिद्वार, सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर से लोग अपने कुत्तों और बिल्लियों को रुड़की ब्लॉक स्थित पशु चिकित्सालय में ला रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि टीकाकरण और उचित स्वच्छता आपके पालतू जानवरों को संक्रमण से बचा सकती है।
इन दिनों कुत्तों और बिल्लियों में टिक फीवर फैल रहा है। यह संक्रमण आपके पालतू जानवरों के फेफड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है। उल्टी, दस्त, भूख न लगना और अन्य गंभीर बीमारियाँ मौत का कारण भी बन सकती हैं। पशु चिकित्सक रोहित सिंह ने बताया कि मंगलवार को दिन भर में छह से ज़्यादा कुत्तों और बिल्लियों का इलाज किया गया। कई कुत्तों को दवा दी गई, जबकि कुछ को ग्लूकोज़ भी दिया गया। सहारनपुर निवासी एक व्यक्ति भी अपने कुत्ते का इलाज कराने क्लिनिक आया था। टिक फीवर से उसके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उपचार
नियमित जाँच: अपने पालतू जानवर के बालों की नियमित जाँच करें और अगर टिक्स दिखाई दें तो उन्हें हटा दें।
टिक्स से बचाव के उपाय: टिक शैम्पू, स्प्रे और अन्य निवारक उत्पादों का उपयोग करें।
साफ़-सफ़ाई बनाए रखें: टिक्स के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घर और बगीचे को साफ़ रखें।
पशु चिकित्सा सलाह: सही निवारक उत्पादों और नियमित देखभाल के लिए अपने पशु चिकित्सक से परामर्श लें।
लक्षण
- सुस्ती और कमज़ोरी
- भूख न लगना
- मसूड़ों से खून आना और नाक से खून आना
- मसूड़ों का पीला पड़ना (एनीमिया के कारण)
- सूजी हुई लसीका ग्रंथियाँ
- जोड़ों में सूजन, दर्द या लंगड़ापन
- अकारण वज़न घटना
- गहरे रंग का पेशाब