Sawan Somwar 2025: श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से भगवान शिव को समर्पित पवित्र माह की शुरुआत हो जाती है। इसे देवों के देव महादेव का प्रिय महीना माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस मास में यदि श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर केवल एक लोटा जल भी अर्पित किया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।सावन में आने वाले प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सावन के पहले सोमवार को किस विधि से शिव पूजन किया जाना चाहिए।
इस समय करें पूजा
वैसे तो शिव पूजा के लिए कोई नियम या कोई निर्धारित समय नहीं पर है सावन के पहले सोमवार पर विशेष फल की प्राप्ति के लिए शुभ मुहूर्तों में जलाभिषेक करना उत्तम माना गया है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.11 से 04.52 बजे तक रहेगा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:59 से 12:55 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही प्रदोष काल भी जलाभिषेक के लिए यह शुभ माना जाता है।
भगवान शिव के इन नामों का करें जप
ॐ नम: शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः
ॐ शर्वाय नम:।
ॐ विरूपाक्षाय नम:।
ॐ विश्वरूपिणे नम:।
ॐ कपर्दिने नम:।
ॐ भैरवाय नम:।
ॐ शूलपाणये नम:।
ॐ ईशानाय नम:।
ॐ महेश्वराय नम:।
ॐ नमो नीलकण्ठाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ॐ पशुपतये नम:।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
ऐसे करें पूजा
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग की पूजा के लिए मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग स्थापित करके श्रद्धा और नियम से पूजन करें। शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें। इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक, अक्षत और भस्म अर्पित करें। फिर भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और तीन बार ताली बजाते हुए उनका नाम स्मरण करें।
ये जानकारी सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार साझा की गई है। जनता टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता।