प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर पहले वैश्विक ऑनलाइन 'धर्म चक्र दिवस समारोह' को शनिवार को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैं आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आज का दिन हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया। उस भावना में, हम भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देते हैं।'
पीएम मोदी ने कहा, 'प्रखर युवा सोच आज वैश्विक समस्याओं के समाधान प्रदान कर रही है। मैं हमारे युवाओं से भगवान बुद्ध के विचारों से जुड़ने का आह्वान करता हूं। वे आपको प्रोत्साहित करेंगे और आगे की राह दिखाएंगे। आज दुनिया के समक्ष कई असाधारण चुनौतियां हैं। भगवान बुद्ध के आदर्शों में हमें इनके स्थाई समाधान मिल सकते हैं।'
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग कई समाज और राष्ट्र के कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है। यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है। उन्होंने भगवान बुद्ध के मार्ग ने कई समाजों और राष्ट्रों की भलाई की दिशा में दिखाई है। यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं विचार और क्रिया दोनों में सरलता हैं।'
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के आदर्श कल भी प्रासंगिक थे, आज भी प्रासंगिक हैं और कल भी प्रासंगिक रहेंगे। उनके अष्टांगिक मार्ग कई समाजों और देशों का पथ प्रदर्शन कर रहे हैं। ये करुणा और दया के महत्व को रेखांकित करते हैं। उनकी शिक्षा विचार और कर्म की सरलता को महत्व देती है। बौद्ध धर्म आदर का पाठ पढ़ाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म सम्मान सिखाता है - लोगों का सम्मान। - गरीबों का सम्मान करें। - महिलाओं का सम्मान।- शांति और अहिंसा का सम्मान। इसलिए, बौद्ध धर्म की शिक्षा एक स्थायी ग्रह के साधन हैं।