Uttarakhand news:15 नवंबर को आने वाले भूकंप और उसके प्रभाव से उत्पन्न होने वाली अन्य आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य के सभी 13 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर बुधवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।
सचिव सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूकंप पर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर, यूएसडीएमए ने मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू कर दी है। 12 नवंबर को एक टेबल-टॉप अभ्यास और 15 नवंबर को एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। टेबल-टॉप अभ्यास के दौरान, सभी जिले अपनी तैयारियों, संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती और मॉक ड्रिल की अपनी योजनाओं का विवरण प्रस्तुत करेंगे। सचिव ने बताया कि राज्य भूकंप के प्रति संवेदनशील है और सभी जिले ज़ोन चार और पाँच में आते हैं।
उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की के सहयोग से सायरन और सेंसर की संख्या बढ़ाई जा रही है। भूदेव ऐप विकसित किया गया है, जो पाँच से अधिक तीव्रता वाले भूकंप की स्थिति में मोबाइल फ़ोन पर अलर्ट भेजेगा। ऑनलाइन बैठक में अपर सचिव आनंद स्वरूप के अलावा सभी ज़िलों के अधिकारी और विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
मॉक ड्रिल में तैयारियों का आकलन
आपदा प्रबंधन अपर सचिव आनंद स्वरूप ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य भूकंप से निपटने के लिए ज़िलों की तैयारियों, विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमताओं का आकलन और उन्हें मज़बूत करना है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (कार्यान्वयन), डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि मॉक ड्रिल में बहुमंजिला इमारतों के ढहने, पुल और फ्लाईओवर के ढहने, बांध टूटने, हिमनद झील के फटने और भूस्खलन के बाद बाढ़ राहत और बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। बचाव कार्यों, निर्धारित मार्गों, परिवहन संसाधनों और सुरक्षित स्थानों की पहचान की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान राहत शिविर स्थापित किए जाएँगे। इनका वास्तविक समय में मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक उपचार, शिशु आहार और गर्भवती महिलाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।