Manesar Land Scam Case: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें मानेसर लैंड स्कैम केस में ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। ये दिक्कतें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज करने के बाद पैदा हुई हैं।
पंचकूला की स्पेशल CBI कोर्ट में आरोप तय किए जाएंगे। CBI पहले ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। आरोप तय होने के बाद हुड्डा पर ट्रायल चलेगा। मुख्यमंत्री रहते हुए हुड्डा ने मानेसर इलाके में IMT प्रोजेक्ट रद्द कर दिया था और 25 अगस्त 2005 को सेक्शन-6 का नोटिस जारी किया था। उन्होंने अवार्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी किया था, जिसमें मुआवजा 25 लाख रुपये प्रति एकड़ तय किया गया था। इसके बाद बिल्डरों ने किसानों से बहुत कम कीमत पर 400 एकड़ ज़मीन खरीद ली थी।
किसानों को भारी नुकसान हुआ
2007 में, जब हुड्डा मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने उस 400 एकड़ ज़मीन के अधिग्रहण को रद्द कर दिया था। इससे उस समय किसानों को लगभग 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। CBI ने 2015 में जांच शुरू की और सितंबर 2018 में हुड्डा और 34 अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में 80 पेज की चार्जशीट दाखिल की।
कब का है मामला?
अब स्पेशल CBI कोर्ट भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ आरोप तय करेगी और मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मानेसर लैंड स्कैम की CBI जांच का निर्देश दिया था। कोर्ट ने पाया कि तत्कालीन हुड्डा सरकार का 2007 में अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला गलत इरादे से किया गया था और इसे धोखाधड़ी माना। सुप्रीम कोर्ट ने CBI को बिचौलियों द्वारा कमाए गए गलत मुनाफे की जांच करने का निर्देश दिया और राज्य सरकार को "एक-एक पैसा वसूल करने" का निर्देश दिया।