दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक साल से जारी किसान आंदोलन (Farmer Protest) अब अपने समापन की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है। क्योंकि किसानों का एक बड़ा वर्ग आंदोलन वापस लेने के पक्ष में है। संभावना जताई जा रही है कि किसान संगठन बैठक के बाद इस आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर सकते हैं। फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर केंद्र की तरफ से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव पर विचार-विमर्श जारी है।
जानकारी के लिए बात दें कि केंद्र सरकार (Central Govt) के मसौदे के मुताबिक, संयुक्त किसान मार्चो (SKM) के 5 सदस्य एमएसपी (MSP) पर बनने वाली कमेटी में शामिल किए जाएंगे। इतना ही नहीं, सरकार ने एक साल के भीतर किसानों पर दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने का भी प्रस्ताव रखा है। वहीं, इस मसौदे में पंजाब मॉडल (Punjab Model) पर मुआवजा देने की बात का भी जिक्र किया गया है। हालांकि, इस प्रस्ताव में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) और उसके पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) को पद से हटाने के और बिजली बिल को लेकर कोई बात नहीं की गई है।
आंदोलन की वापसी को लेकर किसान नेता कुलवंत सिंह संधू का कहना है कि ‘इस बारे में बुधवार को निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल केंद्र की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर अभी पूरी तरह सहमति नहीं बनी है। समिति सिंघू बॉर्डर पर चल रही बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्ण निकाय के साथ मसौदा साझा कर रही है।’