Uttarakhand News: प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेन्द्र शास्त्री और प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास आज उत्तरकाशी पहुंचे हैं। वे हेलीकॉप्टर से गंगनानी गए और वहां उन्होंने मां यमुना के तट पर विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना के दर्शन के लिए रवाना हुए। वहां वे यमुना की विशेष पूजा अर्चना करेंगे।
यमुना नदी तट किनारे गंगनानी नामक स्थान है
बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अब अपनी धार्मिक यात्रा उत्तराखंड से शुरू करने जा रहे हैं। पहले इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली के छतरपुर से तय थी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। वे गंगनानी में कुंड के दर्शन करने के साथ-साथ मां यमुना के तट पर विशेष पूजा अर्चना की। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट से करीब 7 किमी यमुनोत्री की ओर सड़क मार्ग पर ही यमुना नदी तट किनारे गंगनानी नामक स्थान है। यहां प्राचीन कुंड से भागीरथी का जल निकलता है, जो कि एक जलधारा के रूप में यहां यमुना नदी से मिलता है। इसी स्थान पर सरबडियार की ओर से बहकर आने वाली केदारगंगा के मिलने से यह संगम त्रिवेणी संगम हो जाता है।
"प्रतिदिन गंगा स्नान के लिए उत्तरकाशी जाते थे"
कुंड के निकट स्थित गंगा मंदिर के पुजारी हरीश डिमरी, अंकित डिमरी का कहना है कि गंगनानी का प्रचार-प्रचार हो तो यह धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है। प्राचीन मान्यताओं को देखें तो अपने तपस्या काल में जमदग्नि ऋषि यहां निकट ही थान गांव में निवास करते थे। ऐसी मान्यता है कि वो प्रतिदिन गंगा स्नान के लिए उत्तरकाशी जाते थे। लेकिन वृद्धावस्था में अधिक दूरी को देखते हुए यह संभव नहीं हुआ तो उन्होंने तपस्या की। इससे प्रसन्न होकर मां गंगा उनके निवास के समीप गंगनानी कुंड में अवतरित हुईं।